“ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स” भजन के पूर्ण लिरिक्स, MP3 Download, और PDF फॉर्मेट में प्राप्त करें! अब आप इस भजन को कहीं भी, कभी भी अपने साथ रख सकते हैं और भगवान के प्रति अपनी भक्ति को गहरा कर सकते हैं। इस भजन के बोल न केवल दिल को छूने वाले हैं, बल्कि आपके जीवन में शांति और सुख भी ला सकते हैं। तो देर किस बात की? आज ही डाउनलोड करें और भगवान की शरण में समर्पण का अनुभव करें!
ओम जय जगदीश हरे आरती लिरिक्स
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट क्षण में दूर करें
ओम जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे, दुख बिन से मन का
सुख संपत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किस की
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे
तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
पार ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी
ओम जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालन करता
मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भरता
ओम जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राण पति
किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे
दिन बन्धु दुख हर्ता, तुम रक्षक मेरे
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे
ओम जय जगदीश हरे
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा
ओम जय जगदीश हरे
श्याम सुंदर जी की आरती, जो कोई नरगावे
कहत शिवानंद स्वामी, सुख संपत्ति पावे
ओम जय जगदीश हरे
ओम जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट क्षण में दूर करें
ओम जय जगदीश हरे
Om Jay Jagdish Hare Aarti Lyrics in English
Om Jay Jagdish Hare
Swami Jay Jagdish Hare
Bhakt Janon Ke Sankat
Daas Janon Ke Sankat Kshan Mein Dur Karen
Om Jay Jagadish Hare
Jo Dhyave Phal Pave, Dukh Bin Se Man Ka
Sukh Sampati Ghar Aave, Kasht Mite Tan Ka
Om Jay Jagadish Hare
Mat-Pita Tum Mere, Sharan Gahun Kis Ki
Tum Bin aur N Duja, Aas Karun Jiski
Om Jay Jagadish Hare
Tum Puran Parmatma, Tum Antaryami
Paar Brahm Parmeshwar, Tum Sabake Swami
Om Jay Jagadish Hare
Tum Karunaa Ke Sagar, Tum Palan Karta
Main Sewak Tum Svami, Kripa Karo Bharta
Om Jay Jagadish Hare
Tum Ho Ek Agochar, Sabke Pran Pati
Kis Vidhi Milun Dayamay, Tumko Main Kumati
Om Jay Jagadish Hare
Din Bandhu Dukh Harta, Tum Rakshak Mere
Apne Haath Uthao, Dvaar Pada Tere
Om Jay Jagadiish Hare
Vishay Vikar Mitao, Paap Haro Deva
Shraddha Bhakti Badhao, Santan Ki Seva
Om Jay Jagadiish Hare
Shyam Sundar Ji Ki Aarti, Jo Koi Nar gave
Kahat Shivanand Swami, Sukh Sampati Pave
Om Jay Jagadiish Hare
Om Jay Jagadiish Hare
Swami Jay Jagadiish Hare
Bhakt Janon Ke Sankat
Daas Janon Ke Sankat Kshan Mein Dur Karen
Om Jay Jagadish Hare
ओम जय जगदीश हरे आरती mp3 डाउनलोड
“ओम जय जगदीश हरे” हिंदू धार्मिक परंपरा में सबसे प्रसिद्ध आरतियों में से एक है। इसे लगभग हर पूजा और धार्मिक आयोजन में गाया जाता है। आरती भगवान विष्णु को समर्पित है, लेकिन इसे सभी देवताओं की आराधना में भी शामिल किया जाता है। इसकी मधुर धुन और भक्ति से भरे शब्द किसी भी वातावरण को पवित्र बना देते हैं।
आरती का महत्व:
“ओम जय जगदीश हरे” आरती का मुख्य उद्देश्य भगवान की महिमा का गुणगान करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है। इस आरती को गाने से मन और आत्मा को शांति मिलती है। यह आरती भक्त और भगवान के बीच के संबंध को प्रगाढ़ करती है और हमें अपने जीवन में समर्पण, आस्था, और विनम्रता का महत्व सिखाती है।
आरती का इतिहास और उत्पत्ति:
यह आरती 19वीं शताब्दी में पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा रचित मानी जाती है। उन्होंने इसे भगवान विष्णु के प्रति समर्पित किया, लेकिन इसकी सरलता और आध्यात्मिक गहराई के कारण यह सभी धार्मिक परंपराओं में लोकप्रिय हो गई। इसके बोल सरल और प्रभावशाली हैं, जो इसे हर आयु वर्ग के लिए गाने में आसान बनाते हैं।
आरती के बोल और उनका अर्थ:
आरती के शब्द भक्त के हृदय से भगवान के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
उदाहरण:
“ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे।”
इसका अर्थ है: हे भगवान जगदीश (विश्व के स्वामी), आपकी महिमा अपरंपार है। आप अपने भक्तों के सभी कष्ट तुरंत हर लेते हैं।
आरती गाने का सही समय:
सुबह और शाम: यह समय पूजा और आरती के लिए सबसे उपयुक्त होता है।
त्योहार और विशेष अवसर: विशेष धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों पर इसे गाना अनिवार्य माना जाता है।
घर और मंदिर: इसे मंदिरों में नियमित रूप से गाया जाता है, लेकिन घर पर पूजा के दौरान भी इसे शामिल किया जा सकता है।
आरती के माध्यम से लाभ
“ओम जय जगदीश हरे” आरती गाने या सुनने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मकता का भी अनुभव होता है। यह आरती भगवान की कृपा को आकर्षित करने का एक शक्तिशाली माध्यम है।
आत्मिक शुद्धि: आरती गाने से हृदय और आत्मा शुद्ध होती है।
सकारात्मक ऊर्जा: इसका नियमित गायन घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
भक्ति का अनुभव: यह आरती भगवान के प्रति समर्पण को गहराई से अनुभव कराती है।
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